मिलती है रोज
यहां चोटे हजार
गुलशन मे है बहार
काटो की यहां
किस किस की करू
फरियाद मै यहा
कातील जब यहां
लांखो मे है.
©️ShashikantDudhgaonkar
मिलती है रोज
यहां चोटे हजार
गुलशन मे है बहार
काटो की यहां
किस किस की करू
फरियाद मै यहा
कातील जब यहां
लांखो मे है.
©️ShashikantDudhgaonkar