खुलकर करो
बाते यहां
एक दिन चुपचाप
जाना है
बोझ बना कर
जज्बातो का
क्यों खिच रहे हो
जिंदगी

बाते करो
हवा के साथ
हवा मे उडती
चिढीयों के साथ
कभी अपने
अपनो के साथ
या अनजान
अजनबी के साथ
या करो तुम बाते
अपने आप से
गुफ्तगू अपने
साये से

बोझ कुछ अपना
कर लो कम
जी लोंगे तूम
फिर जिंदगी

©️ShashikantDudhgaonkar