
कुछ हवा से ही
करता हुं बाते
कुछ हवा की
सुनता हुं कहानी
गुजरती है वह
गलीयों से कई
कोई खुशी के
कोई हसीं के
वादीयों से भी
गुजरती है वह
चैन की चादर
लपेटे हुए
कभी चुराकर
थोडी खामोशी
विरानो से वह
ले आती है
चुप रहती है फिर
कुछ ना कहती
छुकर हौले से
निकल जाती है
करता हुं उससे
गपशप थोडी
महसूस करता हूं
भुली जिंदगी
©️ShashikantDudhgaonkar