सोच समझकर

जीता हूं मै

के सही करू

ना गलत कभी

फिर भी उलझन मे

पड जाता हूं

जब सही गलत के बीच के

फासले समझ नही पाता हूं

उलझन गहरी

और हो जाती है

जब सही गलत के

मानको मे भी

गडबड मुझे

दिख जाती है

©️ShashikantDudhgaonkar