लमहे

साल बदलते देखे हमने

गुजरे बहोत है

बाकी कम है

अब गिनती उनकी

कर लेता हूं

रूक जाता हूं सवालो से

बाकी कम है

कितना कम है

साल गिनू या

माह मै

या गिनू मै उनको

लमहो मे

हांथो की उंगलियो पर

©️ShashikantDudhgaonkar