
यादो के मेले
खयाल आता है मन मे
युहीं बार बार
कुछ भुला तो नही मै
या कुछ खो दिया
या यादो की ढेर पर
हसीन पलो को छोड दिया
सोचा था उनको
रखेंगे संभालके
सजाएंगे उनको
संजोके के रखेंगे
न हुआ यह
न कर सके हम
अब तो बेतरतीब आती है
यादे रूक रूक के
कभी कतार मे
कभी झुंड मे
अनचाही यादो के
लगते है मेले
©️ShashikantDudhgaonkar