
अधूरी शाम
ढलते हुए दिन के आगोश से
एक नाजूक अंगडाई
ले आती है शाम
कुछ पल का सुकून
सांसे राहत की
देती है शाम
सियाह रात का आना
दिन का ढल जाना
दोनो के दरमियां
एक अधुरी जिंदगी
जी लेती है शाम
©️ShashikantDudhgaonkar
अधूरी शाम
ढलते हुए दिन के आगोश से
एक नाजूक अंगडाई
ले आती है शाम
कुछ पल का सुकून
सांसे राहत की
देती है शाम
सियाह रात का आना
दिन का ढल जाना
दोनो के दरमियां
एक अधुरी जिंदगी
जी लेती है शाम
©️ShashikantDudhgaonkar