
बदलते एहसास
टहलते है दिन
गुजरती है राते
बदलते रहते है
एहसास भी हमारे
कल ऐशोआराम की
ख्वाईशे थी
आज दो गज जमिन का
खौफ है
©️ShashikantDudhgaonkar
बदलते एहसास
टहलते है दिन
गुजरती है राते
बदलते रहते है
एहसास भी हमारे
कल ऐशोआराम की
ख्वाईशे थी
आज दो गज जमिन का
खौफ है
©️ShashikantDudhgaonkar
So.truly said 🙂🙏
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