यारीयां

पहले सावन के दिनो मे

बारीश आती थी

घने बादल अपने

साथ लाती थी

आसमान मे गरजकर

करती थी बौछारे

गीली होती थी जमीन

और यारीयां सारी

सूख भी जाती थी

जल्द ही

आनेवाली धुप मे

आजकल तो बेमौसम

सावन जारी रहता है

बारीश हो ना हो

तुफान बना रहता है

गरजते है बादल

बरसते है कभी कभी

यारीयां खतम हो जाती है

राजनीति नही

©️ShashikantDudhgaonkar