
यारीदोस्ती
थोडे है कुछ अपने यार
जानते है जो अस्ल मेरी
रोब झाडते होंगे वो रोज
पता है मुझे असलियत उनकी
होंगे उनके चेहरे शरीफ
मै उनकी शरारत जानता हू
सफेद चेहरेमे चुपी
हर एक कालिख जानता हू
गीले शिकवे की अब उम्र नही
चंद लमहो की साथ सही
अपनेपनका सुकून और
बेशकिमती राहत भी
साथ होंगी बाते होंगी
खुलकर हसीमुस्कान होंगी
शोरगुल के साथ साथ
गालींयो की बौछार भी
बिती बाते बिती यादे
मिठे खट्टे नमकीन किस्से
सुनने बतलाने के शोर मे
आज को कही डुबाना है
उम्र थोडासी रूकवाकर
आझाद हमे हो जाना हे
©️ShashikantDudhgaonkar